(शाश्वत तिवारी) : यूरोपीय संघ के साथ भारत के मधुर संबंध हैं यही वजह है कि समय-समय पर ये एक दूसरे की तारीफ करते हैं और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करते हैं। उद्योग चैंबर सीआइआइ की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय विदेश मंत्री एसo जयशंकर ने कहा कि यूरोपीय संघ के साथ भारत का मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) दोनो पक्षों के आर्थिक रिश्तों को लेकर गेम-चेंजर साबित होगा। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई है कि दोनों पक्षों के बीच एफटीए को लेकर जारी वार्ता जल्द संपन्न की जाएगी। भारत अब तेजी से एफीटए वार्ता को आगे बढ़ाना चाहता है। यूएई व आस्ट्रेलिया के साथ ऐसा किया जा चुका है। वैसे भारत और ईयू के बीच वर्ष 2007 में ही एफटीए को लेकर वार्ता की शुरुआत हुई थी लेकिन कई वजहों से वर्ष 2013 से यह वार्ता स्थगित थी।
G-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के लिए यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेफ बोरेल ने कहा कि वह Indian Presidency पर भरोसा करते हैं और उसके काम का समर्थन करेंगे। गौरतलब है कि वर्तमान में यूरोपीय संघ अमेरिका के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, साथ ही भारतीय निर्यात के लिये दूसरा सबसे बड़ा गंतव्य है। भारत में विदेशी निवेश प्रवाह में यूरोपीय संघ (EU) की हिस्सेदारी पिछले दशक में काफी बढ़ी है।
हाल ही के दौरे पर आये जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने भारत की जमकर तारीफ की थी। ओलाफ स्कोल्ज ने कहा था कि भारत ने काफी तरक्की की है और यह दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए बहुत अच्छा है। उन्होंने कहा भारत और जर्मनी के बीच पहले से ही अच्छे संबंध हैं। हम इन्हें मजबूत करते रहेंगे।