(शाश्वत तिवारी) : श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों द्वारा 23 फरवरी को भारतीय मछुआरों पर हमला किया गया और पकड़ लिया साथ ही भारतीय मछुआरों के साथ मारपीट की गई। सूचना मिलते ही विदेश मंत्रालय हरकत में आ गया और उनको सकुशल वापस लाया गया। गौरतलब है कि तमिलनाडु के थारंगमबाड़ी और मयिलादुथुराई जिले के छह मछुआरे 21 फरवरी को थारंगमबाड़ी मछली पकड़ने की बस्ती से मछली पकड़ने के लिए समुद्र में गए थे। लेकिन जैसा कि वे पारंपरिक समुद्री जल में मछली पकड़ने में लगे हुए थे, 23 फरवरी को सुबह 4:30 बजे श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों द्वारा उन पर हमला किया गया। हमले में घायल पांच मछुआरों को इलाज के लिए थारंगमबाड़ी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। केंद्रीय मत्स्य राज्यमंत्री एलo मुरुगन ने सोमवार को कहा कि वह पिछले सप्ताह श्रीलंका गए थे और 23 फरवरी को श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों द्वारा हमला किए गए भारतीय मछुआरों से संबंधित बातचीत की थी।
श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ भारतीय मछुआरों पर हाल के हमलों का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। भारतीय उच्चायोग ने श्रीलंका सरकार से मामले की जांच करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया है कि मछुआरों के खिलाफ किसी भी रूप में बल और हिंसा का उपयोग नहीं किया जाए।
श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि मछुआरों के मुद्दे मानवीय हैं और उनकी आजीविका से संबंधित हैं। श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया कि उच्चायोग ने श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ भारतीय मछुआरों पर हाल के हमलों को मजबूती से उठाया है। श्रीलंका सरकार से मामले की जांच करने और यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि किसी भी तरह के बल और हिंसा का उपयोग नहीं किया जाए।