- शुरुआत गोरखनाथ मंदिर में गो दुग्ध से भोलेनाथ के रुद्राभिषेक से
- शिवालयों का भ्रमण, दर्शन, पूजन कर किया जलाभिषेक
गोरखपुर, 18 फरवरी। देवाधिदेव महादेव भगवान शिव की उपासना के विशेष पर्व महाशिवरात्रि पर मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ से लगायत विभिन्न शिवालयों तक भोलेनाथ के दर्शन, पूजन, जलाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि अनुष्ठान में रत रहे। विधि विधान से पूजनोपरांत उन्होंने प्रदेशवासियों के आरोग्यमय, सुखमय, समृद्धमय व शांतिमय जीवन की मंगलकामना की। मुख्यमंत्री सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर बाद 2.45 बजे तक अलग-अलग मंदिरों में उपासना व भ्रमण में रत रहे।
शनिवार सुबह महाशिवरात्रि पर सीएम योगी के आनुष्ठानिक कार्यक्रमों की शुरुआत गोरखनाथ मंदिर से हुई। मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में उन्होंने भगवान भोले शंकर का गो दुग्ध से रुद्राभिषेक किया। मठ के पुरोहित एवं वेदपाठी ब्राह्मणों ने शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी के महामंत्रों द्वारा रुद्राभिषेक का अनुष्ठान पूर्ण कराया। रुद्राभिषेक के बाद मुख्यमंत्री ने हवन तथा आरती कर चराचर जगत के कल्याण हेतु महादेव से प्रार्थना की। आखिर में प्रसाद का वितरण हुआ। अनुष्ठान का यह कार्य तीन घण्टे से अधिक समय तक चला। इसके पूर्व मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर परिसर स्थित शिव मंदिर में भी पूजन किया। उन्होंने यहां भगवान नंदी का पूजन कर भगवान शंकर का जलाभिषेक किया। उल्लेखनीय है कि नाथपंथ की परंपरा में गुरु गोरखनाथ सबका कल्याण करने वाले भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं। गोरखनाथ मंदिर के मूल में भी लोक कल्याण एवं लोक मंगल की ही भावना है। ऐसे में गोरक्षपीठाधीश्वर के लिए महाशिवरात्रि का पर्व बेहद महत्वपूर्ण होता है।
महानगर के तीन शिव मंदिरों का भ्रमण कर दर्शन, पूजन, जलाभिषेक किया मुख्यमंत्री ने
गोरखनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि का अनुष्ठान पूर्ण करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंधियारीबाग स्थित प्राचीन मानसरोवर शिव मंदिर, राजघाट स्थित मुक्तेश्वरनाथ मंदिर व झारखंडी स्थित झारखंडी महादेव मंदिर का भ्रमण किया। इन तीनों शिव मंदिरों में उन्होंने भगवान भोलेनाथ का दर्शन, पूजन व जलाभिषेक कर लोक मंगल की कामना की। मंदिरों के भ्रमण के दौरान सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर जगह सुरक्षा, सफाई और श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा इंतजाम रखा जाए।
मानसरोवर मंदिर पर बच्चों को प्रसाद दिया मुख्यमंत्री ने
महाशिवरात्रि पर्व पर शिवालयों के भ्रमण के क्रम में मुख्यमंत्री सबसे पहले अंधियारी बाग स्थित प्राचीन मानसरोवर मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महादेव का दर्शन पूजन किया। भोलेनाथ को भांग, धतूरा, बेलपत्र, पुष्प आदि अर्पित कर जलाभिषेक किया पूजन कर बाहर निकलते वक्त उनकी नजर नन्हें-मुन्ने श्रद्धालुओं पर पड़ गई। मुख्यमंत्री तुरंत बच्चों के बीच पहुंचे। उन्हें दुलारकर अपना आशीर्वाद और महाशिवरात्रि का प्रसाद दिया।
मानसरोवर के बाद सीएम योगी मुक्तेश्वरनाथ मंदिर पहुंचे और दर्शन, पूजन के बाद में चांदी के पात्र में रखे दुग्ध व जल से महादेव का अभिषेक किया। पूजन सामग्री के साथ वस्त्र अर्पित किया। महादेव झारखंडी मंदिर में भी मुख्यमंत्री ने भगवान शिव की विधि विधान से आराधना की। इस दौरान उनके साथ भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक प्रदीप शुक्ल, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास, भाजपा के महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता आदि भी मौजूद रहे।
भरोहिया में पितेश्वरनाथ का जलाभिषेक किया सीएम योगी ने
दोपहर में मुख्यमंत्री पीपीगंज के भरोहिया स्थित पितेश्वरनाथ शिव मंदिर भी पहुंचे। यहां बाबा पितेश्वरनाथ का दर्शन, पूजन व जलाभिषेक किया। सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण, उद्धार, समृद्धि एवं शांति की प्रार्थना की। पांडवकालीन मान्यता वाले पितेश्वरनाथ मंदिर का गोरक्षपीठ से गहरा नाता है। गोरक्षपीठाधीश्वर हर महाशिवरात्रि यहां जलाभिषेक करने आते हैं। मुख्यमंत्री ने भरोहिया में शिव मंदिर के सामने स्थित गुरु गोरखनाथ विद्यापीठ के परिसर में स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना। बच्चों का प्यार से माथा सहला कर आशीर्वाद दिया। कुछ लोगों से हंसी ठिठोली भी की। यहां कुछ लोग कुछ समस्याएं लेकर पहुंचे थे, सीएम ने उनके आवेदन लेकर समस्या निस्तारण का आदेश अधिकारियों को दिया। भरोहिया में मुख्यमंत्री के आगमन पर विधायक फतेह बहादुर सिंह समेत कई लोग मौजूद रहे।
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं दीं मुख्यमंत्री ने
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर सभी को शुभकामनाएं दीं। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘महाशिवरात्रि’ की सभी प्रदेश वासियों एवं श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की कृपा से समस्त जगत का कल्याण हो, यही प्रार्थना है।’