- सीएम योगी की मंशा के अनुरूप एमएसएमई सेक्टर में बड़े पैमाने पर आ रहे निवेशक
- 25 लाख करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष आया 1.37 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश
- 10 करोड़ के अंदर निवेश वाले 6 हजार से ज्यादा एमओयू किए गए
- 50 करोड़ से कम निवेश वाले एमओयू की श्रेणी के माध्यम से होगा कुल 05 लाख करोड़ का निवेश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एमएसएमई का काफी बड़ा बेस है। यहां 95 लाख एमएसएमई इकाइयां रजिस्टर्ड हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर अपनी जनसभाओं और बैठकों में इस बात का जिक्र बहुत गर्व से करते हैं। उनकी मंशा के अनुरूप एमएसएमई का यह बेस यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद अब और बड़ा होने जा रहा है। इस सेक्टर में बड़े पैमाने पर उद्यमियों ने निवेश के लिए अपनी इच्छा जाहिर की है। रोचक बात ये है कि प्रदेश सरकार ने यूपीजीआईएस के माध्यम से जो 19 हजार से ज्यादा एमओयू किए हैं, उनमें 9 हजार से ज्यादा एमओयू सिर्फ एमएसएमई सेक्टर में हुए हैं। इसके माध्यम से प्रदेश मे 18 लाख लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
110 प्रतिशत तक अचीव हुआ लक्ष्य
उत्तर प्रदेश सरकार ने एमएसएमई सेक्टर के लिए पहले एक लाख और फिर संशोधित निवेश का टारगेट 1.25 लाख करोड़ रुपए का रखा था। इसके सापेक्ष विभिन्न देशों और प्रदेशों के साथ ही यूपी के अंदर मंडल व जिलों में हुए निवेशक सम्मेलनों के बाद यूपीजीआईएस के मुख्य समारोह के समापन तक एमएसएमई सेक्टर के अंतर्गत कुल 1.37 लाख करोड़ रुपए के 8,829 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। यह दिए गए टारगेट का 110 प्रतिशत के करीब है। इसके माध्यम से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में एमएसएमई इकाइयां स्थापित होंगी, जिनका सीधा फायदा उन युवाओं को मिलेगा जो रोजगार की तलाश में हैं। साथ ही, परोक्ष रूप से भी लाखों रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
50 करोड़ तक निवेश के 8 हजार से ज्यादा एमओयू
यूपीजीआईएस के माध्यम से योगी सरकार बड़े निवेशकों को तो प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित कर ही रही थी, लेकिन साथ ही सरकार का इरादा छोटे निवेशकों और उद्यमों को भी बढ़ावा देने का था। इसमें सरकार को बड़ी सफलता मिली है। बड़े निवेशकों के साथ हजारों छोटे निवेशकों ने भी एमएसएमई सेक्टर में निवेश के लिए एमओयू किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एमएसएमई के तहत सबसे ज्यादा 6212 एमओयू ऐसे रहे हैं जिनकी निवेश राशि 10 करोड़ रुपए के अंदर की है। इसके माध्यम से 26,124 करोड़ रुपए का कुल निवेश प्रदेश में आएगा। वहीं, 10 से 20 करोड़ के बीच निवेश वाले 938 एमओयू हुए हैं, जिनके माध्यम से 15,341 करोड़ रुपए का निवेश होगा। 20 करोड़ से 30 करोड़ के बीच 451 एमओयू हुए और निवेश की राशि 11,956 करोड़ होगी। 30 करोड़ से 40 करोड़ के बीच 213 एमओयू के माध्यम से 7,931 करोड़ रुपए का निवेश संभावित है। 40 से 50 करोड़ रुपए की लागत वाले निवेश की बात करें तो इस श्रेणी में 894 एमओयू हुए हैं और इसके तहत सबसे ज्यादा 43,890 करोड़ रुपए का निवेश आने की संभावना है। इस तरह अगर 50 करोड़ रुपए तक के निवेश के लिए कुल 8,708 एमओयू हुए हैं और इसके माध्यम से कुल 105,242 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
121 एमओयू 50 करोड़ से ऊपर के
50 करोड़ से अधिक के निवेश की बात करें तो कुल 121 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इनके माध्यम से प्रदेश में 32,312 करोड़ रुपए के निवेश किया जाना है। 50 करोड़ से 100 करोड़ के बीच 65 एमओयू के माध्यम से प्रदेश में 5,341 करोड़ रुपए का निवेश संभावित है। वहीं 100 से 200 करोड़ के बीच 33 एमओयू में 4,984 करोड़ के निवेश की संभावना है। 200 से 500 करोड़ के बीच 13 एमओयू के जरिए 3,391 रुपए का निवेश हो सकता है। वहीं 500 करोड़ से ऊपर के जो 10 एमओयू हुए हैं, उनके माध्यम से 18,596 करोड़ रुपए का निवेश प्रदेश में होगा