(शाश्वत तिवारी) : भारत को विश्वगुरु बनाने का सपना साकार होता दिखाई दे रहा है, वही यहाँ की मातृभाषा हिंदी की प्रसिद्धि भी विश्व भर में फैल रही है। प्रधानमंत्री मोदी हमेशा हिंदी का उपयोग करते हैं और उन्होंने भारत के साथ-साथ विदेशों में भी भाषा में विभिन्न भाषण दिए हैं। इससे भाषा का मूल्य बढ़ा है और अधिक लोग इसका उपयोग करने के लिए प्रेरित हुए हैं। हर साल बड़ी संख्या में विदेशी भी इस भाषा का ज्ञान लेने भारत आते है और फिर अपने देश में जाकर इसकी महत्वता के बारे में अपने देश के लोगों को बताते हैं। भारत लगातार प्रयास करता है की इस भाषा का विस्तार हो और लोग भारतीय संस्कृति से जुड़ सकें। विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत इस महीने के अंत में फिजी में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन करेगा। इस कार्यक्रम का उद्घाटन 15 फरवरी को विदेश मंत्री एस० जयशंकर और फिजी के प्रधान मंत्री सित्विनी राबुका द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा भी मौजूद रहेंगे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार फिजी में कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय पिछले साल मॉरीशस में विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान लिया गया था। विदेश मंत्रालय के द्वारा आयोजित 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन दक्षिण प्रशांत देश के नाडी में 15 से 17 फरवरी के दौरान आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन के लिए भारत से 270 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल फिजी का दौरा करेगा और इसमें 50 देशों के प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि फिजी दक्षिण प्रशांत में 300 से अधिक द्वीपों का एक द्वीपसमूह है।
इस आयोजन की थीम ‘हिंदी – पारंपरिक ज्ञान से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक’ है, जहां एक तरफ हम अपने पारंपरिक ज्ञान का सम्मान कर रहे हैं और दूसरी तरफ यह दिखा रहे हैं कि हिंदी तकनीकी प्रगति के साथ-साथ चलने में सफल रही है। इस आयोजन में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के साथ आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया जायेगा।