अंकारा/दमिश्क/नई दिल्ली। तुर्किये और सीरिया में भूकंप की विनााशलीला के बीच मंगलवार सुबह मध्य तुर्किये की धरती फिर ताजा भूकंप के झटकों से हिल गई। इन झटकों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.5 मापी गई। तुर्किये और सीरिया में मलबे से अब तक 4,300 से ज्यादा शव निकाले जा चुके हैं। सोमवार सुबह से युद्धस्तर पर राहत और बचाव काम जारी है। भारत ने तुर्किये को मानवीय और चिकित्सा सहायता भेजी है। मृतकों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे की वेबसाइट के मुताबिक मंगलवार को भूकंप का झटका सुबह करीब पौने नौ बजे दर्ज किया गया। भू-गर्भ वैज्ञानिकों का कहना है कि सोमवार को आए शक्तिशाली भूकंप के झटकों के बाद अब तक तुर्किये और सीरिया के सीमाई इलाके में अब तक करीब 100 भूकंप के झटके महसूस किए गए।
इस विनाशकारी भूकंप पर डब्लूएचओ के वरिष्ठ अधिकारियों का अनुमान है कि तुर्किये और सीरिया में 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। तुर्किये में कड़ाके की ठंड और बर्फबारी की वजह से राहत और बचाव कार्य में बाधा आ रही है। तुर्किये और सीरिया में हजारों इमारतें जमींदोज हो गई हैं। तुर्किये में वर्ष 1939 में 7.8 की तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 32 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस भयानक प्राकृतिक आपदा पर तुर्किये में सोमवार से 7 दिन तक के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। सीरिया ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता की अपील की है।
इस बीच भारत ने तुर्किये की मदद के लिए एनडीआरएफ की टीम को भेजा है। गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट से यह टीम रवाना हुई। टीम में एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट दीपक तलवार समेत 47 अधिकारी और कर्मचारियों के अलावा स्वान भी शामिल हैं। भारत ने पैरामेडिकल स्टाफ और मेडिकल उपकरण भी भेजे हैं।