- केंद्रीय कारागार आगरा मेंयोगी सरकार ने की ‘गीता बैंक’ की स्थापना
- कैदियों की जिंदगी सुधारने और उन्हें आध्यात्म से जोड़ने के लिए की गई पहल
- –गीता बैंक में श्रीमद् भागवत गीता की 100 प्रतियां रखी गई हैं
- सजायाफ्ता कैदियों को नैतिक और चारित्रिक विकास की राह दिखाएगागीता बैंक
आगरा। उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदी अब गीता का ज्ञान भी ले सकेंगे। योगी सरकार द्वारा कैदियों के लिए केंद्रीय कारागार आगरा में ‘गीता बैंक’ की स्थापना की गई है। इस गीता बैंक में श्रीमद् भागवत गीता की 100 प्रतियां रखी गई हैं। गीता बैंक से श्रीमद् भागवत गीता को लेकर कारागार के बंद कैदी गीता का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। योगी सरकार की मंशा है कि इससे जेल में बंद कैदियों की मनोदशा में बदलाव आएगा और वह अच्छे नागरिक बनकर जेल से रिहा होंगे।
आगरा जेल से हुई शुरुआत
डीआईजी कारागार आगरा राधाकृष्ण मिश्रा ने बताया कि गीता के ज्ञान से कैदियों को जोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश की जेलों में केंद्रीय कारागार आगरा से गीता बैंक की शुरुआत की गई है। इस बैंक से कैदी श्रीमद् भागवत गीता जारी कराकर पढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि कैदियों को नैतिक, चारित्रिक, बौद्धिक और सांस्कृतिक विकास के लिए जेल प्रशासन की ओर कई काम किए जा रहे है। कैदियों के नैतिक व चारित्रिक उत्थान के साथ ही धर्म और न्याय की स्थापना में गीता ज्ञान यज्ञ बहुत उपयोगी साबित होगा। संपूर्ण विश्व और विश्वबंधुत्व के लिए एकमात्र आधार सिर्फ श्रीमद् भागवत गीता है। इसी सोच के साथ भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान के सहयोग से केंद्रीय कारागार आगरा में गीता बैंक की स्थापना की गई है।
समाजसेवियों और संगठनों ने दिया दान
इस गीता बैंक में फिलहाल श्रीमद् भागवत गीता की 100 प्रतियां उपलब्ध हैं। समाजसेवियों और सामाजिक संगठनों के सहयोग से गीता बैंक के लिए गीता दान करा इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। बता दें कि केंद्रीय कारागार आगरा में 2200 से ज्यादा सजायाफ्ता कैदी निरुद्ध हैं। केंद्रीय कारागार आगरा में 150 से अधिक का स्टाफ तैनात है।