राघवेन्द्र प्रताप सिंह : मकर संक्रांति के अवसर अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यानी 15 जनवरी को सिकंदराबाद से विशाखापटनम के बीच वंदे भारत संस्करण की आठवीं ट्रेन को वर्चुअल स्तर पर हरी झंडी दिखाई है । इस मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, तेलंगाना के राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर मौजूद थे। बता दें कि वंदे भारत एक्सप्रेस सिकंदराबाद और विशाखापत्तनम के बीच चलाई जा रही है।
वंदे भारत की पहली ट्रेन को 15 फरवरी 2019 को नई
दिल्ली-वाराणसी मार्ग पर हरी झंडी दिखाई गई थी। इस वर्ष 15 अगस्त तक 75 वंदे भारत ट्रेन चलाने का लक्ष्य है। दो वर्षों के भीतर अन्य दो सौ ट्रेनें चलानी हैं। 2026 तक कुल 475 वंदे भारत ट्रेनें चलाने की योजना है।
पहले संस्करण की सभी ट्रेनें सिर्फ बैठकर यात्रा करने वाली होंगी, लेकिन उसके बाद दो सौ ट्रेनें स्लीपर बनाई जा रही हैं। रेलवे सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नियमित तौर पर 16 जनवरी से ट्रेन शुरू होंगी और बुकिंग शनिवार से ही शुरू हो जाएगी। दक्षिण मध्य रेलवे (SCR) ने बताया है कि विशाखापत्तनम-सिकंदराबाद वंदे भारत एक्सप्रेस (20833) सुबह 5 बजकर 45 मिनट पर रवाना होगी और दोपहर 2 बजकर 15 मिनट पर सिकंदराबाद पहुंचेगी। जबकि सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम ट्रेन (20834) सिकंदराबाद से दोपहर 3 बजे रवाना होगी और रात 11 बजकर 30 मिनट पर विशाखापत्तनम पहुंचेगी। इस दौरान ट्रेन राजमुंदरी, विजयवाड़ा, खम्मम और वारंगल में रुकेगी।
वंदे भारत का निर्माण स्वदेशी तकनीक से किया गया है। यह ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित है और इसमें ऑटोमेटिक दरवाजे लगे हैं। साथ ही ट्रेन में सभी क्लास में रिक्लाइनिंग सीटें और एक्जीक्यूटिव क्लास में रोटेटिंग सीटें मौजूद हैं। वंदे भारत में 14 एसी चेयर कार कोच के साथ 1128 यात्रियों की क्षमता वाले 2 एक्जीक्यूटिव एसी चेयर कार मौजूद हैं। वंदे भारत सिकंदराबाद से विशाखापत्तनम के बीच की यात्रा को सुगम बनाती है। साथ ही यात्रा के समय को भी कम करती है।