- युवा कल्याण विभाग की नायाब पहल
- हफ्ते में एक दिन तय जगह पर मिलेंगे नवाचारी एवं निवेशक
- नवाचारी देगें अपने आइडियाज का प्रस्तुतिकरण, निवेशकों को पसंद आया तो उन पर करेंगे निवेश
लखनऊ। युवा आदतन इनोवेटिव (नवाचारी) होते हैं। सरकार या निजी स्तर पर मिले सहयोग से उनका हौसला बढ़ता है। पर, इस मदद की अपनी सीमाएं हैं। हर इन्नोवेटर की पहुंच सरकार एवं पूंजी लगाने वाले निजी क्षेत्र तक नहीं होती। ऐसे में तमाम नवाचार अच्छे होते हुए भी दम तोड़ देते हैं। ऐसे इनोवेटर्स को स्थानीय स्तर के निवेशकों से ही मदद मिल जाय, इसके लिए प्रदेश का युवा एवं खेल कल्याण विभाग लखनऊ में एक इन्नोवेशन सेंटर शुरू करेगा। इस सेंटर पर हफ्ते में एक दिन नवाचारी एवं निवेशक दोनों एकत्र होंगे। नवाचारी अपने आइडियाज का प्रस्तुतिकरण देंगे। अगर किसी निवेशक को यह पसंद आया तो वह उसे आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
इस संबंध में पिछले दिनों एमएसएमई विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार और गेट ए फ्रेंचाइजी एलएलपी के सहयोग से पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उत्तर प्रदेश चैप्टर ने लखनऊ में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन भी किया था। युवा कल्याण विभाग की ओर से शुरू किए जाने वाले स्टार्टअप एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स और यूपी एंजेल नेटवर्क सहयोग करने को तैयार हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत युवाओं का देश है। देश की करीब 70 फीसद आबादी 35 साल से कम उम्र की है। इनमें से सिर्फ स्कूल जाने वाले युवाओं की संख्या 25 करोड़ से अधिक है। ये युवा डिजिटली भी स्ट्रांग हैं।
अपने स्तर से देश के युवा इन्नोवेशन में लगे भी हुए हैं। इनके नतीजे भी सकारात्मक निकले हैं। मसलन 2015 में ग्लोबल इन्नोवेशन इंडेक्स में भारत 81वें पायदान पर था। 2022 में सुधरकर 41वें नंबर पर आ गया। आबादी के लिहाज से सर्वाधिक बड़ा प्रदेश होने की वजह से यह देश का सबसे युवा प्रदेश भी है। इन्नोवेशन पर सरकार का खासा जोर भी है। इस बाबत सरकार नयी स्टार्टअप पॉलिसी भी ला चुकी है। पॉलिसी के तहत 2025 तक 10 हजार स्टार्टअप्स शुरू करने का लक्ष्य है। अद्यतन आंकड़ों के अनुसार अब तक 7800 स्टार्टअप्स शुरू हो चुके हैं। इसी क्रम में 100 स्टार्टअप्स इनक्यूबेटर के लक्ष्य के सापेक्ष 55 स्थापित हो चुके हैं। कैपेक्स और ओपेक्स अनुदान के तहत इन्क्यूबेटरों को 2.17 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। नवाचार को ही बढ़ावा देने के लिए “यूपी सरकार ने 2021 में 1000 करोड़ रुपए के “फंड ऑफ फंड्स” की स्थापना की है। इसके अलावा, सिडबी यूपी फंड ऑफ फंड्स के तहत स्टार्टअप्स को 3.30 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। कुल मिलाकर मकसद नवाचार को बढ़ावा देकर युवाओं को सशक्त बनाना है। ऐसे युवा जो अपनी उद्यमशीलता के भरोसे नोकरी मांगने की बजाय देने वाला बने।
6 वर्षों में यूपी के बारे में दुनिया के लोगों के नजरिये में आया अभूतपूर्व बदलाव :सहगल
प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव, खेल और युवा कल्याण विभाग, नवनीत सहगल के अनुसार पिछले 6 वर्षों में, राज्य के औद्योगिक क्षेत्र में परिवर्तन हुआ है। हाल ही में इन्वेस्ट यूपी रोड शो के लिए विदेश यात्रा के दौरान जिस तरह विदेशी निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर रुचि दिखाई वह खुद में अभूतपूर्व बदलाव का सबूत है। यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में देश और राज्य में हो रहे उत्कृष्ट कार्यों का नतीजा है। यही वजह है कि नेशनल स्टार्टअप इकोसिस्टम में यूपी के लोगों का प्रतिनिधित्व लगातार बढ़ रहा है। यकीनन आने वाले समय में सकारात्मक माहौल के कारण इसमें और वृद्धि होगी।