वाशिंगटन। अमेरिकी सीनेट में नाटकीय सुनवाई के दौरान यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद के लिए नामित ब्रेट कावानाह ने एक ओर जहां अपना पूरजोर बचाव किया वहीं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी उनका पूर्ण समर्थन किया। संसद में कावानाह की नियुक्ति पर प्रारंभिक मतदान शुक्रवार को होना है।
सीनेट में सुनवाई की शुरूआत कावानाह पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली 51 वर्षीय प्रोफ़ेसर क्रिस्टीन ब्लाजे फोर्ड की गवाही से हुई। फोर्ड का आरोप है कि कावानाह ने करीब 36 वर्ष पहले हाई स्कूल में उनके साथ बलात्कार का प्रयास किया था। जोरदार तरीके से अपना बचाव करते हुए 53 वर्षीय कंजर्वेटिव न्यायाधीश ने सीनेट की न्यायिक समिति के समक्ष कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ था।
उन्होंने डेमोक्रेट्स पर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया तथा उनके नामांकन की पुष्टि की लड़ाई को राष्ट्रीय अपमान और सर्कस बताते हुए निंदा की। राष्ट्रपति ने सुनवाई समाप्त होने के कुछ देर बाद ट्वीट कर कहा कि न्यायाधीश कावानाह ने अमेरिका को दिखा दिया कि असल में मैंने उन्हें क्यों नामांकित किया। उन्होंने कहा कि उनकी सुनवाई शक्तिशाली, ईमानदार और दिलचस्प थी।
डेमोक्रेट्स की खोजो और बर्बाद करो की रणनीति बेहद शर्मनाक है और यह प्रक्रिया पूरी तरह से कपटी और नियुक्ति में देर करने की कोशिश है। सीनेट में बहुसंख्यक नेता मिच मैक्कोनेल ने कहा कि ट्रंप की इच्छा पूरी हो जाएगी। न्यायिक समिति में 11 रिपब्लिकन और 10 डेमोक्रेट सदस्य हैं।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि हम सुबह वोट करने जा रहे हैं और हम आगे बढ़ने जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए ट्रंप की पसंद ब्रेट कावानाह पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में सीनेट की न्यायिक समिति के समक्ष फोर्ड की गवाही से कुछ घंटे पहले ही एक और महिला ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए।