मुख्यमंत्री बिहार दर्शन योजना के तहत पूर्वी चंपारण के कोटवा प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्यविद्यालय मच्छरगावां के बच्चे शैक्षणिक परिभ्रमण योजना को लेकर पटना चिड़ियाघर घू्मने आए थे। लेकिन घूमने आए बच्चों के रात भर फुटपाथ पर सोकर बितानी पड़ी, जिसपर बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही पर चौतरफा सवाल खड़े हो रहे हैं।
घटना के उजागर होने के बाद प्रदेश के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने इसपर सफाई देते हुए कहा है कि मामले की जांच की जा रही है कि बच्चों को किन कारणों से रात में फुटपाथ में रुकना पड़ा।
शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि घटना की जानकारी के बाद उन्होंने डीएम को फोन कर इसकी जांच कर कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर शाम तक बच्चे अपने घर चले जाते हैं और अगर किसी हालात में उन्हें रुकना पड़ा तो शिक्षकों को जिला शिक्षा पदाधिकारी को इसकी सूचना देनी चाहिए या इसके लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए।
कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि बच्चे बेतिया से आए थे। मामले को हम गंभीरता से लेते हैं और जांच के बाद जो भी दोषी होंगे उन पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल मंगलवार की रात में राजधानी से एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई थी सिस्टम की बड़ी लापरवाही से यहां स्कूली बच्चे सड़क किनारे रात गुजारने को मजबूर दिखे। इन बच्चों को पटना में जू दिखाने के लिए लाया गया था। लेकिन किसी कारण वो लौट नहीं सके तो उन्हें सड़क किनारे ही सोने को कह दिया गया।
जू घूमने आए बच्चे रातभर सड़क पर सोते रहे. वहीं, पूरे प्रशासनिक अमले को इस बात की भनक तक नहीं लगी। इन बच्चों के सड़क पर सोने की खबर किसी कानों तक नहीं पहुंची। बता दें कि इस योजना के तहत सरकारी स्कूल के बच्चों को बिहार के नामचीन जगहों पर घूमाने का प्रावधान है।