नई दिल्ली (शाश्वत तिवारी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को डेनमार्क के कोपेनहेगेन में दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन में डेनमार्क, फिनलैंड, आईसलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्री भी उपस्थित थे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु कार्रवाई से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने नार्डिक देशों के प्रधानमंत्रियों के साथ जलवायु कार्रवाई से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर की चर्चा।
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान कहा गया कि प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने पेरिस समझौते के अनुसार प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करने, आगामी वैश्विक जैव विविधता ढांचा और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई।
बयान के अनुसार शिखर सम्मेलन में नेताओं ने स्वच्छ पानी और स्वच्छ हवा सहित पर्यावरणीय स्थिरता प्राप्त करने में सहयोगात्मक प्रयासों पर भी चर्चा की, जो एसडीजी 13 लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक हैं। नॉर्डिक देशों ने भारत के साथ 2020 के बाद के वैश्विक जैव विविधता ढांचे को अपनाने की प्रतिबद्ध जताई, जो जैव विविधता और स्थायी वन्यजीवन के निर्माण में एक मील का पत्थर साबित होगा।
वहीं मीडिया से बातचीत करते हुए विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि शिखर सम्मेहलन से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिनलैंड, आईसलैंड, स्वीनडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने बताया कि चारों नॉर्डिक नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बैठक की शुरूआत नॉर्वे के प्रधानमंत्री के साथ बैठक से शुरू हुई। इसमें मुख्यरूप से समुद्री अर्थव्यवस्था, नवीकरणीय ऊर्जा, जल विद्युत के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं तथा प्रौद्योगिकी और निवेश संबंधों पर चर्चा हुई।
विदेश सचिव क्वात्रा ने बताया कि दोनों नेताओं ने स्वास्थ के क्षेत्र में सहयोग पर भी बातचीत की और वैक्सीन तथा स्वास्थ सुविधाओं के विकास में संयुक्त अनुसंधान पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सहयोग और समन्वय जारी रखने तथा योग समेत सांस्कृातिक सहयोग के विषयों पर भी चर्चा की।
विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वीडन के प्रधानमंत्री के साथ बैठक में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग और अंतरिक्ष तथा रक्षा क्षेत्रों में साझेदारी पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने बताया कि मोदी ने आईसलैंड के प्रधानमंत्री के साथ समुद्री अर्थव्यवस्था और ऊर्जा स्रोतों के क्षेत्र में सहयोग पर विचार-विमर्श किया। वहीं फिनलैंड के प्रधानमंत्री के साथ मोदी की मुलाकात में दोनों देशों के आपसी संबंधों और डिजिटल साझेदारी में हुई प्रगति पर चर्चा हुई।