महिलाओं के लिए न्याय के दरवाजे बंद करने की ठाकरे सरकार की साजिश: भाजपा

मुंबई। महाराष्ट्र में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों का तालिबान से तुलना हो रही है। लेकिन ठाकरे सरकार अपराधियों से मुंह फेर रही है। महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों पर अंकुश लगाने के लिए बड़ी धूमधाम से तैयार किए गए शक्ति अधिनियम के कार्यान्वयन में भी राज्य सरकार की अनिच्छा से बाधा उत्पन्न हुई है। यह आरोप भाजपा की प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष उमाताई खापरे ने महाराष्ट्र सरकार पर लगाया है।

उमाताई खापरे ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में प्रतिदिन बलात्कार, छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न की घटनाएं सामने आ रही हैं। बावजूद इसके महाविकास आघाड़ी सरकार ने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष पद खाली रखा है। वसूली और फिरौती ने महाराष्ट्र के गृह विभाग की छवि खराब की है। राज्य में आए दिन रेप और अत्याचार हो रहे हैं। इचलकरंजी, चंद्रपुर, मीरा रोड, कल्याण, पनवेल, मुंबई, नवी मुंबई, पुणे, नंदुरबार, नागपुर में सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं हुई हैं। पालघर जिले के दहानू में 13 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया। यहां साधुओं की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। मुंबई में पिछले साल अक्टूबर में छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया था। राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों की सूची बढ़ती जा रही है, वहीं बदले की राजनीति में डूबी ठाकरे सरकार ने महिलाओं और नागरिकों को बेसहारा छोड़ दिया है।

खापरे ने आरोप लगाया किमहिलाओं पर हो रहे अत्याचार को खुली आंखों से देखने वाली सरकार के खिलाफ लोगों में असंतोष फैल गया है। सत्ता में आने के डेढ़ साल बाद भी गठबंधन सरकार ने महिला आयोग में कोई नियुक्ति नहीं की है। यह महिलाओं के प्रति गठबंधन सरकार की नफरत को दर्शाता है।

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