दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद जिले में एक नाबालिग दोषी को बालिग होने पर सजा सुनाने का मामला सामने आया है। महज 10 साल की उम्र में दुष्कर्म के दोषी को बाल कोर्ट ने अब बालिग यानी 18 साल का होने पर गाजियाबाद के जिला अस्पताल में 2 साल तक साफ-सफाई और मरीजों की सेवा करने की सजा दी है। दरअसल, गाजियाबाद के लोनी में 2008 में हुए दुष्कर्म के इस मामले में युवक को बाल कोर्ट ने दोषी मानते हुए मरीजों की सेवा करने की सजा सुनाई है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी की मुताबिक, 10 साल पहले वर्ष, 2008 में नाबालिग पर लोनी के अमित विहार में एक लड़की के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। वारदात के समय आरोपित की उम्र महज 10 वर्ष होने के चलते पुलिस ने आरोपित को हिरासत में लेकर बाल सुधार गृह भेज दिया था।
तकरीबन 10 साल बाद अब आरोपित के बालिग होने पर बाल कोर्ट ने जिला अस्पताल में 2 वर्ष तक मरीजों की सेवा और तिमारदारी करने के साथ साफ-सफाई की भी सजा दी है। इतना ही नहीं, सजा की निगरानी के मद्देनजर कोर्ट ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देश दिया है कि यह सुनिश्चित करने के लिए वह सजा के रूप में अपना काम कर रहा है, इसलिए वह प्रत्येक महीने अस्पताल में हाजिरी भी प्रमाणित करें। वहीं, इसकी रिपोर्ट समय-समय पर कोर्ट को भी दी जाएगी।