टेस्टिंग कम होने और समय पर उसकी रिपोर्ट नहीं मिलने की शिकायतों के बीच सरकार ने दुनिया की टेस्टिंग किट के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। आइसीएमआर की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक अब यूरोपीय संघ, जापान, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, दक्षिण कोरिया या फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से कोरोना की टेस्टिंग के लिए मान्यता प्राप्त किट भारत में मिल सकेगी और इसके लिए आइसीएमआर से हरी झंडी लेने की जरूरत नहीं होगी। इसके पहले विदेश में विकसित और उत्पादित कोरोना वैक्सीन के लिए भारत ने अपने दरवाजे खोल दिए थे।
अब तक सिर्फ अमेरिका के एफडीए से मान्यता प्राप्त किट को ही देश में इस्तेमाल की थी इजाजत
आइसीएमआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश में अभी तक मुख्य तौर से एंटीजन और आरटी-पीसीआर पर आधारित टेस्ट हो रहे थे। एक अन्य टेस्ट फालूदा को भी आइसीएमआर ने मान्यता दे रखी है, लेकिन राज्यों और लैब की ओर से इसे अपनाने में उत्साह नहीं दिखाया गया। नियम के मुताबिक भारत में सभी टेस्टिंग किट को आइसीएमआर से मान्यता लेना जरूरी है। इमरजेंसी की स्थिति में सिर्फ अमेरिकी एफडीए से मान्यता प्राप्त किट को भारत में इस्तेमाल की इजाजत दी गई थी।
टेस्टिंग किट की कमी और समय पर रिपोर्ट नहीं मिलना
उन्होंने कहा कि अभी तक देश में टेस्टिंग और उसकी किट की कमी का सामना नहीं करना पड़ा था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से देश के विभिन्न भागों से टेस्टिंग नहीं हो पाने और उसकी रिपोर्ट आने में देरी की शिकायतें मिलने लगी थीं। इसके लिए टेस्टिंग लैब की सीमाओं के साथ-साथ अचानक बढ़ी मांग के मुताबिक टेस्टिंग किट की उपलब्धता में कमी को भी जिम्मेदार पाया गया।
कोरोना पर नियंत्रण के लिए पोजिटिविटी दर को पांच फीसद से नीचे लाना जरूरी: विश्व स्वास्थ्य संगठन
वैसे आइसीएमआर के अधिकारी ने यह साफ नहीं किया कि देश में टेस्टिंग किट की उत्पादन क्षमता कितनी और कोरोना की दूसरी लहर में उनकी मांग कितनी है लेकिन प्रतिदिन 16-17 लाख टेस्ट होने के बावजूद पोजिटिविटी दर 10 फीसद से ज्यादा बने रहने को देखते हुए दोगुना टेस्ट किए जाने की जरूरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए पोजिटिविटी दर को पांच फीसद से नीच लाना जरूरी बताया है।
आइसीएमआर ने कहा- दुनिया की टेस्टिंग किट को भारत में आने का रास्ता साफ
आइसीएमआर के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुनिया में कोरोना की टेस्टिंग के लिए कई नए तरीके की किट उपलब्ध हैं और कई देशों में इनका इस्तेमाल भी किया जा रहा है। ऐसी टेस्टिंग किट को भारत में आने का रास्ता साफ करने के लिए यह फैसला लिया गया। अब ये टेस्टिंग किट आइसीएमआर की मंजूरी के बिना भी ड्रग कंट्रोलर आफ इंडिया की इजाजत लेकर भारत में बेची जा सकेंगी। इसके साथ ही कंपनियां भारत में इनका उत्पादन भी कर सकेंगी।