बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में विवादास्पद अधिकारी डीजी वंजारा समेत गुजरात और राजस्थान के पांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को बड़ी राहत देते हुए निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें उन पांचों आरोपियों को बरी कर दिया गया था.
बता दें कि निचली अदालत ने पहले गुजरात एटीएस प्रमुख डीजी वंजारा, गुजरात के आईपीएस अधिकारी राजकुमार पांडियन, एनके अमीन, राजस्थान के आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन और पुलिस कांस्टेबल दलपत सिंह राठौड़ को बरी कर दिया था.
सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में इन पुलिस अधिकारियों को निचली अदालत ने बरी कर दिया था. लोअर कोर्ट के इस फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.
आरोपी पुलिस अधिकारियों की मिली राहत को कायम रखते हुए, उच्च न्यायालय ने गुजरात के आईपीएस अधिकारी विपुल अग्रवाल को भी बरी कर दिया, जिसे बरी किए जाने की याचिका निचली अदालत ने पहले खारिज कर दी थी.
यह मामला सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी की फर्जी मुठभेड़ के नाम पर हत्या किए जाने से जुड़ा है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उपरोक्त पुलिस अधिकारियों और 33 अन्य लोगों को आरोपी बनाया था.
बता दें कि सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी को मुठभेड़ में मार गिराने के बाद गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि शेख दंपति के आतंकवादियों से संबंध थे.