ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनानती है। इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को चीन के लिए चेतावनी जारी की। इसमें चेताया गया है कि यदि किसी ने ताइवान की यथास्थिति में बदलाव करने का प्रयास किया तो यह गंभीर गलती मानी जाएगी।
ब्लिंकन ने कहा, ‘हमने जो देखा है और हमारे लिए जो वास्तविक चिंता का कारण है वह है बीजिंग सरकार की गतिविधियां जो ताइवान को लेकर है।’ उन्होंने कहा हम ताइवान के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ उल्लेखनीय है कि ताइवान और अमेरिका के बीच समझौता है कि अगर ताइवान की सुरक्षा पर कोई संकट आता है तो वह मदद के लिए आएगा। ताइवान पर चीन अपना दावा करता है। इसके अलावा ताइवान न्यूज ने गूगल अर्थ की हाल की तस्वीरों के आधार पर दावा किया है कि चीन ने ताइवान के नजदीक फुजियान प्रांत में चीनी एयरफोर्स के दो ठिकानों को तेजी से अपग्रेड किया है। ताइवान ने कहा है कि चीन के इस कदम से क्षेत्रीय स्थिरता खतरे में पड़ गई है।
इससे पहले पिछले माह अलास्का में अमेरिका-चीन की महत्वपूर्ण बैठक से पहले प्रभावशाली 20 सांसदों के समूह ने राष्ट्रपति जो बाइडन तथा विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से ताइवान को समर्थन देने का अनुरोध करते हुए दक्षिण चीन सागर में तथा भारत समेत अन्य पड़ोसियों के खिलाफ चीन के आक्रामक बर्ताव का मुद्दा उठाने की अपील की थी।
दरअसल चीन ने धमकी दी थी कि ताइवान की आजादी का मतलब जंग है। कुछ दिन पहले बीजिंग ने ताइवान के दक्षिणी हिस्से में सबसे बड़ी घुसपैठ की। ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में 48 घंटों के भीतर दो दर्जन युद्धक विमान भेजे जिसके बाद अमेरिका व चीन के बीच तनाव शुरू हो गया। चीन के चार परमाणु बॉम्बर H-6K समेत 20 फाइटर जेट के घुसने से ताइवान की वायुसेना हरकत में आ गई और उसने तत्काल इन चीनी विमानों को मार गिराने के लिए किलर मिसाइलों को तैनात कर दिया। इस घटना के बाद ताइवान स्ट्रेट में तनाव बढ़ गया है।